वर्धा। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार राय को भारत के राष्ट्रपति ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद के प्रथम कोर्ट में सदस्य के रूप में मनोनीत किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्ष तथा देश के राष्ट्रपति द्वारा विश्वविद्यालय के न्यायालय के लिए कुछ सदस्यों को नामित किया जाता है जिससे विश्वविद्यालय में न्यायालय का गठन किया जा सके। हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में प्रथम न्यायालय का गठन किया गया है जिसके लिए राष्ट्रपति ने एम.एच.आर.डी. की संस्तुति पर प्रो. अनिल कुमार राय को मनोनीत किया है। प्रो. राय मीडिया, साहित्य और संस्कृति के गंभीर अध्येता हैं तथा शिक्षाविद के रूप में उन्हें ख्याति प्राप्त है।
गठित न्यायालय के माध्यम से मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वद्यिालय के विवादित मामलों, नियुक्तियों से संबंधित मुद्दों इत्यादि के निपटारों तथा विश्वविद्यालय के उन्नयन में प्रो. राय का योगदान मानू को प्राप्त होगा। प्रो. राय वर्तमान में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में कार्य परिषद और विद्या परिषद के सदस्य के रूप में तथा जनसंचार विभाग के अध्यक्ष, अध्ययन मण्डल अध्यक्ष, छात्र कल्याण अधिष्ठाता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
शिक्षा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रो. राय को भारत ज्योति पुरस्कार, संचार श्री पुरस्कार, उत्कृष्ठ शिक्षक सम्मान तथा सामाजिक -सांस्कृतिक क्षेत्र में किए गए योगदानों के लिए विदर्भ भूषण पुरस्कार, द्वारिकाधीश मानद उपाधि जैसे अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 20 पुस्तकों के लेखक-संपादक, दर्जनों शोध पत्रों के प्रस्तोता, प्रोफेसर अनिल कुमार राय इससे पूर्व वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के जनसंचार विभाग के संस्थापक अध्यक्ष रह चुके हैं तथा वहां कार्य परिषद, विद्या परिषद तथा अध्ययन मण्डल अध्यक्ष के माध्यम से उच्च शिक्षा के उन्नयन में अपना योगदान दे चुके हैं।
कई पत्र-पत्रिकाओं, दूरदर्शन तथा निजी टी.वी. चैनल में सक्रिय पत्रकार, टी.वी. कार्यक्रम प्रोड्यूसर एवं एंकर के रूप में कार्यानुभवी प्रोफेसर राय देश में पहली बार हिंदी पत्रकारिता की पढ़ाई स्नातक (ऑनर्स) स्तर पर प्रारंभ करने वालों में से एक हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय में इसे 1994 में प्रारंभ किया गया था जिससे प्रोफेसर राय सक्रिय रूप से संबद्ध रहे। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष का दायित्व भी आप पूर्व में निभा चुके हैं। राष्ट्रपति द्वारा मानू हैदराबाद में प्रोफेसर राय के मनोनयन पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों ने बधाई दी है तथा मानू के अकादमिक एवं शैक्षिक उन्नयन में उनके महत्वपूर्ण योगदान की कामना की है।